शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा
परिचय :
शिक्षा मानव विकास का मूल साधन है । इसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास , उसके ज्ञान एवं कला - कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और उस सभ्य , सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है । और यह कार्य मनुष्य के जन्म से ही प्रारंभ हो जाता है । बच्चे के जन्म के कुछ दिन बाद ही उसके माता - पिता एवं परिवार के अन्य सदस्य उसे सुनना और बोलना सिखाने लगते हैं । जब बच्चा कुछ बड़ा होता है तो उसे उठने - बैठने , चलने - फिरने , खाने - पीने तथा सामाजिक आचरण की विधियाँ सिखाई जाने लगती हैं । जब वह तीन - चार वर्ष का होता है तो उसे पढ़ना - लिखना सिखाने लगते हैं । इसी आयु पर उसे विद्यालय भेजना प्रारंभ किया जाता है । विद्यालय में उसकी शिक्षा बड़े सुनियोजित ढंग से चलती है । विद्यालय के साथ - साथ उसे परिवार एवं समुदाय में भी कुछ न कुछ सिखाया जाता रहता है और सीखने - सिखाने का यह क्रम विद्यालय छोड़ने के बाद भी चलता रहता है और जीवन भर चलता है । और विस्तृत रूप में देखें तो किसी समाज में शिक्षा की यह प्रक्रिया सदैव चलती रहती है । अपने वास्तविक अर्थ में किसी समाज में सदैव चलने वाली सीखने - सिखाने की यह सप्रयोजन प्रक्रिया ही शिक्षा है ।
परिभाषा :
यदि हम प्रयोग की दृष्टि से देखें तो शिक्षा शब्द का प्रयोग दो रूपों में होता है - एक प्रक्रिया रूप में और दूसरा प्रक्रिया के परिणाम के रूप में । जब हम कहते हैं कि उसकी शिक्षा सुचारु रूप से चल रही है तो यहाँ शिक्षा का प्रयोग प्रक्रिया रूप में है और जब हम यह कहते हैं कि उसने उच्च शिक्षा प्राप्त की है तो यहाँ शिक्षा शब्द का प्रयोग परिणाम रूप में है । परंतु आधुनिक शिक्षाशास्त्री शिक्षा को प्रक्रिया रूप में ही स्वीकार करते हैं । उनका तर्क है कि किसी भी प्रक्रिया में उसका परिणाम तो निहित होता ही है । वर्तमान में शिक्षा प्रक्रिया के परिणाम को ज्ञान , कौशल एव व्यवहार परिवर्तन के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है ।
इस शिक्षा प्रक्रिया के स्वरूप की व्याख्या करने में मूल भूमिका दार्शनिकों , समाजशास्त्रियों , राजनीतिशास्त्रियों , अर्थशास्त्रियों , मनोवैज्ञानिकों और वैज्ञानिकों ने अदा की है और इन सबने शिक्षा को अपने - अपने दृष्टिकोणों से देखा - परखा और परिभाषित किया है । यहाँ हम इन सब के दृष्टिकोणों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर इनके द्वारा उद्घाटित तथ्यों के आधार पर शिक्षा के स्वरूप को समझने एवं उसे परिभाषित करने का प्रयत्न करेंगे ।
Reference Books From-:
1- (Hemwati Nandan Bahuguna Garhwal University)
2- (lovely professional university)
1- (Hemwati Nandan Bahuguna Garhwal University)
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