अम्ल (एसिड) किसे कहते है? | What is acid? | ParnassiansCafe

अम्ल (एसिड) किसे कहते है? | What is Acid?

परिचय:-

हम अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन अनेक पदार्थों का सेवन करते हैं जिनमें से कुछ का स्वाद खट्टा होता है। कुछ का स्वाद मीठा होता है। कुछ का स्वाद नमकीन होता है। कुछ का स्वाद कड़वा होता है और कुछ का स्वाद कसैला होता है। लेकिन जब हम खट्टे की बात करते हैं हमारे मस्तिष्क में सर्वप्रथम नींबू, कच्चा आम, इमली, पानी पुरी का पानी इत्यादि आते हैं और इनके साथ आता है हमारे मुंह में पानी । यदि हमारे सामने कोई खट्टे पदार्थों का सेवन करता है तो तुरंत ही हमारे मुंह में पानी आने लगता है। क्या आपको पता है कि इन पदार्थों का स्वाद खट्टा क्यों लगता है? क्योंकि इन पदार्थों में अम्ल/एसिड मौजूद होता है।

अम्ल अथवा एसिड का अर्थ क्या है?

अम्ल/ एसिड शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के असियर शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है खट्टा। 

इस आधार पर हम कह सकते हैं कि सभी खट्टे पदार्थों में अम्ल होता है। सभी खट्टे पदार्थों की रासायनिक प्रकृति अम्लीय होती है।

अम्ल रासायनिक यौगिक है जिसको जल में घोला जाए तो यह हाइड्रोजन आयन (H+) देता है। अम्लों का pH मान 7 से कम होता है। यदि किसी पदार्थ का pH स्केल पर मान 7 से कम आता है तो कहा जाएगा कि यह पदार्थ अम्लीय प्रकृति का है।

उपरोक्त पंक्तियों को पढ़ कर आपके मन में एक सवाल जरूर आ रहा होगा कि ये pH स्केल क्या होती है? या pH स्केल किसे कहते हैं?

pH स्केल :- कोई विलियन कितना सांद्र अथवा तनु है उस विलियन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन (H+) एवं हाइड्रोक्सी आयन (OH-) की उपस्थिति पर निर्भर करता है। किसी विलियन में हाइड्रोजन आयन (H+) की सांद्रता में कमी अथवा वृद्धि को जानने के लिए एक स्केल का निर्माण किया गया जिसे pH स्केल कहा जाता है। जिसमें p जर्मन शब्द potenz से लिया गया है जिसका अर्थ शक्ति से होता है।

अम्लों के प्रकार:-

अम्ल प्रायः 2 प्रकार के होते हैं।

  1. प्राकृतिक अम्ल
  2. खनिज अम्ल

1 प्राकृतिक अम्ल :- 

प्राकृतिक अम्ल (कार्बनिक अम्ल) प्रकृति की देन है। जो कि पादपों से अथवा जीव जंतुओं में पाए जाने वाला अम्ल है।

उदाहरण के लिए:

  • टमाटर में - ऑक्जेलिक एसिड
  • नींबू में - सिट्रिक एसिड 
  • सिरके में - एसिटिक एसिड
  • खट्टा दूध/दही - लैक्टिक एसिड
  • चींटी का डंक - मैथेनॉइक एसिड (फार्मिक एसिड)
  • नेटल का डंक (उत्तराखंड में इसे कंडाली/बिच्छू घास के नाम से जाना जाता है)- मैथेनॉइक एसिड आदि।

नोट: उपरोक्त दिए गए उदाहरणों में प्राकृतिक रूप में ये अम्ल पाए जाते हैं।

2 खनिज अम्ल :- 

खनिज पदार्थों से मिलकर बनने वाले अम्ल खनिज अम्ल कहलाते हैं। इनका उपयोग उद्योगधंधों में, उर्वरकों के निर्माण, औषधि एवं पेंट बनाने में किया जाता है।

खनिज अम्लों के उदाहरण एवं उपयोग:-

  • हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) - सिंक,सेनेटरी तथा उद्योगों में साफ सफाई हेतु इसका उपयोग किया जाता है।
  • सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4)- सैल, बैटरी में, एवं उद्योग में उपयोग में लाया जाता है। इसका नाम सुनते ही कुछ याद आता होगा कि शायद इसे कुछ और भी कहते हैं। सल्फ्यूरिक अम्ल को अम्लों का राजा भी कहा जाता है किसी भी देश की प्रगति को सल्फ्यूरिक अम्ल की ख़पत से भी आंका जाता है।
  • नाइट्रिक एसिड (HNO3) - इसका उपयोग उर्वरक निर्माण एवं गहने साफ करने हेतु किया जाता है।

अम्लों का नाम सुनते ही एक सवाल हमारे जहन में जरूर आता है कि अम्ल राज किसे कहते हैं? खनिज अम्लों में एक अम्ल होता है जिसको अम्ल राज भी कहा जाता है। और इसे ऐक्वारेजिया के नाम से भी जाना जाता है। वास्तव में यह दो अम्लों का मिश्रण होता है जिसे नाइट्रिक एसिड (HNO3) + हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) को 1:3 में मिलाकर बनाया जाता है। यह इतना प्रबल होता है कि सोने को गला सकता है।

अम्लों के भौतिक गुण :-

  1. अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं (किंतु बिना निर्देशन के इनको न चखें)
  2. अम्ल जल में घुलनशील होते हैं।
  3. अम्ल प्रायः रंगहीन होते हैं।
  4. अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर दते हैं।
  5. अम्ल का जलीय विलियन विधुत का सुचालक होता है।

अम्लों के रासायनिक गुण:-

  • अम्ल, धातु के साथ क्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
    अम्ल + धातु -> लवण + हाइड्रोजन गैस।
  • अम्ल, क्षार के साथ किया कर लवण और जल बनाते हैं।
    अम्ल + क्षार -> लवण + जल।
  • अम्ल, धातु कार्बोनेट/ धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ मिलकर लवण , जल और कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाते हैं। (धातु कार्बोनेट - चोक(खड़िया), चुना पत्थर, संगमरमर ये सभी कैल्शियम कार्बोनेट के रूप हैं)
    अम्ल+धातु कार्बोनेट -> लवण+जल+कार्बन डाइऑक्साइड गैस।

अम्लों का दैनिक जीवन में उपयोग:-

  1. खाद्य सामग्री के रूप में उपयोग - हम प्रतिदिन भोजन के साथ अम्लों का सेवन भी करते हैं जैसे - निम्बू /खट्टे फलों में (सिट्रिक एसिड), दही (लैक्टिक एसिड), सिरका (एसिटिक एसिड), टमाटर, कच्चा आम, अमरूद, केला, इमली,अंगूर, सेब , सोडा वाटर इत्यादि 
  2. हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl) - सिंक,सेनेटरी तथा उद्योगों में साफ सफाई हेतु इसका उपयोग किया जाता है।
  3. सल्फ्यूरिक एसिड- सैल, बैटरी में, एवं उद्योग में उपयोग में लाया जाता है।
  4. नाइट्रिक एसिड (HNO3) - इसका उपयोग उर्वरक निर्माण एवं गहने साफ करने हेतु किया जाता है।