मानव जीवन के लिए ज्ञान का महत्त्व बहत अधिक है । मानव जीवन के लिए ज्ञान उसकी रीढ़ की हड्डी का तरह कार्य करता है । इसलिये ज्ञान का महत्त्व बहुत बढ़ गया है।
1 . ज्ञान का मनुष्य की तीसरी आँख कहा गया है । ( Knowledge is the third eye of the man )
2 . ज्ञान हा गुण है । ( Knowledge is virtue ) ज्ञान मनुष्य को अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
4 . ज्ञान का प्रकाश सूर्य के समान है , ज्ञानी मनुष्य ही अपना और दूसरों का कल्याण करने में सक्षम हाता है।
5 . ज्ञान विश्व के रहस्यों को खोजता है ।
6 . ज्ञान से चरित्र निर्माण व बोध होता है ।
7. ज्ञान धन की तरह है , जितना एक मनुष्य को प्राप्त होता है , वह उतना ही ज्यादा पाने की इच्छा रखता है ।
8 . ज्ञान सत्य तक पहुँचने का साधन है ।
9 . धर्म की भाँति ज्ञान को भी जानने के लिए अनुभव करने चाहिएँ ।
10 . ज्ञान , प्रेम तथा मानव स्वतन्त्रता के सिद्धान्तों का ही आधार है ।
11 . एक बार प्राप्त किया गया ज्ञान सतत् प्रयोग किया जाने वाला बन जाता है । ।
12 . तथ्य मूल्य ज्ञान के आधार के रूप में कार्य करता है ।
13 . ज्ञान क्रमबद्ध चलता है , आकस्मिक नहीं आ जाता ।
14 . ज्ञान शक्ति है ।
15 . ज्ञान की सीमाएँ निश्चित नहीं हैं ।
16 . ज्ञान समय का परिणाम है ।
17 . ज्ञान चेतना है जिससे मनुष्य का मनोबल व आत्मविश्वास बढ़ता है ।
18 . ज्ञान से ही अच्छे - बुरे , कर्म - अकर्म , सुन्दर - असुन्दर , सन्मार्ग - कुमार्ग , सुमति - कुमति , सत्य - असत्य , ज्ञानी - अज्ञानी , पुण्य - पाप , लाभ - हानि , सुख - दुख , धर्म - अधर्म , मित्र - दुश्मन , अपकार - उपकार , धीर - अधीर , प्रशंसा - निन्दा , सफलता - असफलता , यश - अपयश , मान - अपमान , विजय - पराजय का ज्ञान होता है ।
19 . ज्ञान को मस्तिष्क की खुराक कहा जाता है । ( Knowledge is the food of mind )
20 . ज्ञान भौतिक जगत और आध्यामिक जगत को समझने में मदद करता है।
21 . ज्ञान समाज सुधारने में जैसे - रूढ़िवादिता और अन्ध - विश्वास को दूर करने में सहायता करता है ।
22 . ज्ञान से ही मानसिक , बौद्धिक , स्मृति , निरीक्षण , कल्पना व तर्क आदि शक्तियों का विकास होता है ।
23 . ज्ञान शिक्षा प्राप्ति हेतु साधन का काम करता है ।
24 . नैतिकता ज्ञान से ही प्राप्त की जा सकती है ।
25 . विश्व के महान् दार्शनिक का मत है कि “ ज्ञान अपने आप को जानने का सशक्त साधन है , ज्ञान सदगुण है व अज्ञान पाप है । "
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