ब्लूप्रिंट किसे कहते हैं?
ब्लू प्रिंट का अर्थ
ब्लूप्रिंट को हिंदी में हम नील परख पत्र या नील पत्र के नाम से जानते हैं नील पत्र अथवा ब्लूप्रिंट किसी प्रश्न पत्र के निर्माण से पूर्व प्रश्नों के अंक निर्धारण कर तैयार किए जाने वाला खाका होता है|
ब्लू प्रिंट किसे कहते हैं?
किसी भी विषय वस्तु अथवा पाठ्यवस्तु का निर्माण करने से पूर्व उसका एक ऐसा नक्शा तैयार किया जाता है जिसमें प्रश्नों के प्रकार को अंको में विभाजित कर एक सारणी के रूप में निर्माण किया जाता है जिसे हम ब्लूप्रिंट अथवा नील पत्र कहते हैं|
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ब्लूप्रिंट का निर्माण कैसे किया जाता है।
ब्लूप्रिंट निर्माण करते समय हमें निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि हम एक अच्छे ब्लूप्रिंट का निर्माण कर सकें-
ब्लूप्रिंट बनाते समय यह ध्यान रखा जाता है कि पाठ्यवस्तु का संपूर्ण समावेश हो। ताकि विद्यार्थी किसी विशेष अध्याय पर ध्यान न देकर संपूर्ण पाठ्यवस्तु पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
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सभी प्रकार के प्रश्नों जैसे वस्तुनिष्ठ प्रश्न, अति लघु उत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रश्न, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, निबंधात्मक प्रश्न, कौशलात्मक प्रश्न इत्यादि शामिल किए जाते हैं ताकि विद्यार्थियों की बुद्धि, ज्ञान एवं कौशल का उचित आकलन किया जा सके।
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प्रश्नों के प्रकार के अनुसार अंक सहित शब्द सीमा का निर्धारण सुनिश्चित किया जाता है। ताकि सभी विद्यार्थी दिए गए समय में सभी प्रश्नों को हल कर सके।
जैसे-:प्रश्नों के प्रकार अंक शब्द सीमा अति लघुउत्तरीय प्रश्न 2अंक 30 शब्दों में लघुउत्तरीय प्रश्न 3अंक 50 शब्दों में ( यह केवल एक उदाहरण किंतु इसका निर्धारण शिक्षक विद्यार्थियों की कक्षा, आयु वर्ग के अनुरूप करता है)
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वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को छोड़कर शेष प्रश्नों में आंतरिक विकल्प की योजना पर भी ध्यान दिया जाता है विकल्प प्रश्न ,मुख्य प्रश्न के समान ही कठिनाई का रखा जाता है।
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ब्लूप्रिंट का निर्माण छात्रों के स्तर और आयु के अनुरूप किया जाए इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।
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ब्लूप्रिंट बनाते समय परीक्षा के समय को निश्चित किया जाता है ताकि दिए गए समय में विद्यार्थी संपूर्ण प्रश्नपत्र को हल कर सकें।
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ब्लूप्रिंट के उद्देश्य एवं विशेषताएं
ब्लूप्रिंट के उद्देश्य निम्न प्रकार है- ब्लू प्रिंट का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि प्रश्न पत्र का ऐसा खाका तैयार करना जिसमें पाठ्यवस्तु या विषय वस्तु का कोई भी अंश छूट न जाए जिससे कि विद्यार्थियों का समग्र आकलन किया जा सके।
- ब्लूप्रिंट के माध्यम से अध्यापक ,छात्रों को सरलता पूर्वक अंक वितरण कर सकता है
- ब्लूप्रिंट के माध्यम से हम इसके आधार पर एक से अधिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को तैयार कर सकते हैं
- ब्लूप्रिंट के माध्यम से विद्यार्थियों के सभी पक्षों का आकलन सरलता से किया जा सकता है
- ब्लू प्रिंट तैयार करने के पश्चात प्रश्न पत्र सरलता पूर्वक तैयार किया जा सकता है इससे शिक्षक के समय की बचत भी हो जाती है|
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