कारक किसे कहते हैं एवं कारक के प्रकार | ParnassiansCafe

कारक किसे कहते हैं एवं कारक के प्रकार

karak kise kehte hai karak ke prakar

कारक किसे कहते हैं?

कारक : ऐसे शब्द जो संज्ञा एवं सर्वनाम के मध्य संबंध को दर्शाते हैं कारक शब्द कहलाते हैं।
या
ऐसे शब्द जिनका क्रिया के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंध होता है कारक कहलाते हैं।

कारक के प्रकार :

कारक आठ प्रकार के होते हैं।
नोट: सर्वनाम शब्दों में 7 कारक होते हैं। तथा संबोधन कारक नहीं होता है।

कारक के प्रकार और उनकी विभक्ति

कारक विभक्ति
कर्ता ने
कर्म को
करण से/ के द्वारा
संप्रदान को/ के लिए
अपादान से (अलग होना)
संबंध का,के,की, रा, रे, री
अधिकरण में/पर
संबोधन हे, अरे, ओ
  1. कर्ता कारक:

    किसी वाक्य में कार्य करने वाला कर्ता कारक कहलाता है।
    जैसे: अमित पढ़ रहा है। (इसमें अमित कर्ता कारक है)
    कर्ता की पहचान के लिए क्रिया से पहले कौन का प्रश्न करना चाहिए। यदि हमे क्रिया से कौन का ज़बाब मिल जाता है तो जो ज़बाब आएगा वह कर्ता होगा।

  2. कर्म कारक:

    कर्ता द्वारा की गई किया जिस संज्ञा द्वारा प्रदर्शित होती है कर्म कारक कहलाता है।
    जैसे: अमित पुस्तक पढ़ रहा है।
    कर्ता: अमित
    क्रिया: पढ़
    कर्म कारक: पुस्तक

  3. करण कारक:

    ऐसे कारक जिसके द्वारा या जिसकी सहायता से क्रिया होती है। करण कारक कहलाता है।
    जैसे: मैं तुम्हे ईमेल के द्वारा फोटो भेज रहा हूं। ( के द्वारा करण कारक)

  4. संप्रदान कारक:

    ऐसे कारक जिसके लिए क्रिया होती है संप्रदान कारक कहलाता है।
    जैसे: अमित पढ़ाई के लिए दिल्ली गया है। (के लिए संप्रदान कारक है)

  5. अपादान कारक:

    ऐसा कारक जिससे कोई अलग अथवा दूर जाने का बोध हो। अपादान कारक कहलाता है।
    जैसे: पेड़ से पत्ते गिर रहे हैं। (से यहां अपादान कारक है)

  6. संबंध कारक:

    ऐसा कारक जिससे किसी के बीच संबंध होने का बोध होता है संबंध कारक कहलाता है।
    जैसे: यह राम की किताब है।

  7. अधिकरण कारक:

    ऐसे कारक जो किसी क्रिया के होने के स्थान एवं समय की जानकारी का बोध कराते हैं अधिकरण कारक कहलाते हैं।
    जैसे: बिल्ली दीवार पर बैठी है। (यहां पर अधिकरण कारक है)

  8. संबोधन:

    ऐसे शब्द जिनसे किसी को बुलाने या पुकारने का बोध होता है। संबोधन शब्द/ कारक कहलाते हैं।
    जैसे: हे ईश्वर सब अच्छा करना।
    अरे सुनो भाई।
    ओ माई सुनती हो।
    (यहां अरे, हे,ओ संबोधन शब्द हैं।)