यौन निर्देशन (Sexual guidance) क्या है? यौन निर्देशन की आवश्कता क्यों है?

यौन निर्देशन (Sex guidance) क्या है?

sexual guidance / yon nirdeshan kise kehte hai

यौन निर्देशन का अर्थ :

यौन निर्देशन का अर्थ है यौन शिक्षा को इस प्रकार हस्तांतरित जाए कि समाज में व्याप्त यौन संबंधी संकाओ एवं समस्याओं का निराकरण किया जा सके। इन संकाओं एवं समस्याओं को कम अथवा नियंत्रित करने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के तरीके अपनाए जाते हैं इन्हीं तरीकों की जानकारी को देने की प्रक्रिया को यौन निर्देशन कहते हैं।

यौन निर्देशन (Sexual guidance) की आवश्कता क्यों है? (Yon nirdeshan ki aavshyakta kyu hai?)


यौन निर्देशन की आवश्यकता को समझाते हुए मनोवैज्ञानिक क्रो एंड क्रो कहते हैं कि " बालक के यौन प्रेरित व्यवहार एवं उसके यौन के प्रति दृष्टिकोण का निर्माण करना उतना ही आवश्यक है जितना कि उसके लिए भोजन, कार्य तथा मनोरंजन आवश्क है। बालक की यौन की इच्छा, उसकी अभिरुचियों, उसके स्वास्थ्य, आत्म नियंत्रण की प्राप्ति को सामाजिक प्रगति की दिशा करना है तो उसके लिए यौन निर्देशन बहुत आवश्यक है।"

आजकल जिस प्रकार यौन को हमारा समाज निषेध अथवा असामाजिक और गलत मानकर बच्चों से छिपा कर रखता है बच्चे उतना ही इसके प्रति और भी ज्यादा रुचि लेकर, चोरी चोरी इस विषय का वास्तविक और अपूर्ण ज्ञान ग्रहण कर रहे हैं वह निश्चित ही बच्चों की सामाजिक प्रगति में बाधा के रूप में साबित हो सकता है। इसलिए बच्चों को यौन संबंधी स्वस्थ एवं सटीक जानकारी प्रदान करनी चाहिए ताकि बच्चे भी इस विषय में स्वच्छ और सही तरीके से सोच सके। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि यौन निर्देशन महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है।


यौन निर्देशन किस प्रकार से दिया जा सकता है? (Yon nirdeshan kis prakar se diya ja sakta hai?)


वर्तमान समय में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि यौन शिक्षा के अभाव में बहुत सारे बालक एवं बालिकाओं, जो अभी पूर्ण रूप से परिपक्व भी नहीं है उनके भीतर यौन एवं यौन रोगों संबंधी गलत धारणाओं का विकास तेजी से हो रहा है। गलत धारणाओं का किशोरावस्था में तेजी से बढ़ना इस बात की ओर इशारा करता है कि यौन शिक्षा एवं यौन निर्देशन बहुत आवश्यक है। बालक - बालिकाओं को यौन निर्देशन घर से ही मिलना चाहिए ताकि वे यौन संबंधी समस्याओं से स्वयं निजात पा सके और विद्यालय स्तर पर विभिन्न विषयों जैसे- विज्ञान, जीव विज्ञान, गृह विज्ञान, स्वास्थ्य विज्ञान इत्यादि में यौन शिक्षा संबंधी पाठ्य सामग्री शामिल करके छात्र छात्राओं को उचित यौन निर्देशन दिया जा सकता है। यौन निर्देशन देने के लिए अभिभावक एवं अध्यापकों को भावनात्मक रूप से बालक बालिकाओं के साथ यौन शिक्षा पर निसंकोच बात करनी चाहिए और ऐसा करने के लिए अभिभावकों एवं शिक्षकों को भी इस विषय में गहन जानकारी होनी आवश्यक है। इस प्रकार से बालक बालिकाओं उचित यौन निर्देशन दिया जा सकता है।