डिजिटल शिक्षा, डिजिटल शिक्षा एवं अध्यापक | ParnassiansCafe


विज्ञान के इस दौर में शिक्षा विज्ञान में भी शिक्षा के विशिष्ट उद्देश्यों की अधिकतम प्राप्ति हेतु विभिन्न व्यूह रचनाओं का विकास किया जा रहा है। इस दौर में केवल दृश्य श्रव्य सामग्री और अध्यापन सामग्री की काफी नहीं है बल्कि आवश्यकता एक ऐसी सामग्री की है जिससे दूर बैठे विद्यार्थियों को भी साक्षात रुप से ज्ञान दिया जा सके। विद्यार्थियों की समस्याओं का निदान तत्काल किया जा सके। विद्यार्थियों और अध्यापकों के बीच एक ऐसी अंतः क्रिया हो जिससे कि विद्यार्थी बेझिझक होकर अपनी समस्याओं को शिक्षक के समक्ष रख सके और उनका हल प्राप्त कर सकें। आधुनिक युग विज्ञान और तकनीकी से अछूता नहीं है। इस युग में शिक्षा के साधनों का भी विकास हुआ है और इस युग में विद्यार्थी और शिक्षक केवल विद्यालय में ही अध्ययन अध्यापन का कार्य नहीं करते हैं बल्कि उनको समस्या होने पर वहां घर पर बैठे-बैठे ही अपने अध्यापक से अंतः क्रिया कर समस्याओं का हल तुरंत पा सकते हैं यह केवल संभव हो पाया है तो केवल डिजिटल शिक्षा के कारण। डिजिटल शिक्षण न केवल सीखने और सिखाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के बारे में है बल्कि डिजिटल शिक्षा डिजिटल उपकरणों के उपयोग करने के बारे में है क्योंकि यह उनके प्रभाव पर ध्यान देने व निर्णय लेने के संदर्भ में है। जिस प्रकार हम जानते हैं कि शैक्षिक तकनीकी कोई शिक्षण पद्धति नहीं है बल्कि एक ऐसा विज्ञान है जिसके आधार पर हम कुछ ऐसे तरीकों को याद करते हैं जिससे कि शिक्षण के उद्देश्य को भलीभांति प्राप्त किया जा सके।



डिजिटल शिक्षा, शिक्षा का एक ऐसा अभिन्न अंग है जिसको अनदेखा नहीं किया जा सकता है विकास के इस युग में जितना आवश्यक विद्यार्थियों के लिए पुस्तकीय ज्ञान है उतना ही आवश्यक है डिजिटल शिक्षा। इसको एक उदाहरण के माध्यम से समझा जा सकता है जब हम अपने घर में घर के बच्चों से कोई सवाल करते हैं तो बच्चे किताबों मैं सवाल को खोजने से ज्यादा मोबाइल में खोजना अधिक पसंद करते हैं इससे यह स्पष्ट होता है कि इस आधुनिक युग में हर कोई चाहता है कि उसके पास एक ऐसा साधन हो जिसकी सहायता से वह ब्रह्मांड में निहित समस्त ज्ञान को अपनी अंगुलियों के माध्यम से जब चाहे तब प्राप्त कर सके। डिजिटल शिक्षा इसी बात की ओर इंगित करती हैं कि हमें डिजिटल उपकरणों का उपयोग किस तरीके से करना है जिससे कि शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सके।

डिजिटल शिक्षा एवं अध्यापक

शैक्षिक तकनीकी जिस प्रकार मनुष्य को सीखने की वैज्ञानिक प्रक्रिया का प्रयोग करने की ओर प्रेरित करती है उसी प्रकार डिजिटल शिक्षा मनुष्य को वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोग करने की ओर प्रेरित करती है डिजिटल शिक्षा में एक अध्यापक अहम भूमिका होती है। डिजिटल शिक्षण के माध्यम से अध्यापक विद्यार्थियों में विभिन्न प्रकार के कौशलों का विकास कर सकता है। और विद्यार्थियों के दृश्य को अथवा रुचि को भी बढ़ा सकता है डिजिटल शिक्षा में अध्यापक की भूमिका को निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट किया जा सकता है।

  1. विद्यार्थियों ध्यान केंद्रित करने में
  2. विद्यार्थियों को अभिप्रेरित करने के लिए
  3. विद्यार्थियों को क्रियाशील बनाने हेतु
  4. विद्यार्थियों की ज्ञानेंद्रियों का अधिक प्रयोग कराने में
  5. विद्यार्थियों की रटने की प्रवृत्ति को कम करने में
  6. विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने में