रोमन अंक प्रणाली का इतिहास
रोमन साम्राज्य अपने आप में एक विशेष इतिहास रखता है। रोम साम्राज्य अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए अपने आसपास के देशों को जीत कर अपने साम्राज्य को फैलाता था और साथ ही साथ अपने वर्चस्व को और मजबूत बनाने के लिए रोम साम्राज्य ने व्यापार में भी अपनी प्रणालियों का निर्माण किया। व्यापार और वाणिज्य को और अधिक सुगम बनाने के लिए रोम ने रोमन अंक प्रणाली का निर्माण किया जो कि प्रारंभिक समय में हाथों पर गणना करने पर आधारित थी।रोमन अंक प्रणाली में उपयोग किये जाने वाले चिह्न/प्रतीक :
रोमन अंक प्रणाली में मुख्यतः सात प्रतीकों का इस्तेमाल किया जाता है जो कि I, V, X, L, C, D और M हैं। माना जाता है कि यह प्रणाली 500 ईसा पूर्व विकसित की गई थी। अंको में इन प्रतीकों का मान निम्न प्रकार होता है-I = 1
V = 5
X = 10
L = 50
C = 100
D = 500
M = 1000
यह प्रणाली संयोजन और व्यवकलन पर आधारित है जिसमें 4 को निरूपित करने के लिए 5-1 करना होता है तब हमें 4 मिलता है उसी प्रकार 6 को निरूपित करने के लिए 5+1 करना होता है तो तब हम 6 को निरूपित कर सकते हैं।
यह प्रणाली संयोजन और व्यवकलन पर आधारित है जिसमें 4 को निरूपित करने के लिए 5-1 करना होता है तब हमें 4 मिलता है उसी प्रकार 6 को निरूपित करने के लिए 5+1 करना होता है तो तब हम 6 को निरूपित कर सकते हैं।
उदहारण के लिए:-
सामान्य अंक | रोमन अंक | सामान्य अंक | रोमन अंक | सामान्य अंक | रोमन अंक | सामान्य अंक | रोमन अंक | सामान्य अंक | रोमन अंक |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1 = 1 | I | 10 + 1 = 11 | XI | 20 + 1 = 21 | XX | 30 + 1 = 31 | XXXI | 40 + 1 = 41 | XXXXI |
2 = 2 | II | 10 + 2 = 12 | XII | 20 + 2 = 22 | XXI | 30 + 2 = 32 | XXXI | 40 + 2 = 42 | XXXXII |
3 = 3 | III | 10 + 3 = 13 | XIII | 20 + 3 = 23 | XXIII | 30 + 3 = 33 | XXXIII | 40 + 3 = 43 | XXXXIII |
5 - 1 = 4 | IV | 10 + 4 = 14 | XIV | 25 - 1 = 24 | XXIV | 35 - 1 = 34 | XXXIV | 45 - 1 = 44 | XXXXIV |
5 | V | 10 + 5 = 15 | XV | 20 + 5 = 25 | XXV | 30 + 5 = 35 | XXXV | 40 + 5 = 45 | XXXXV |
5 + 1 = 6 | VI | 15 + 1 = 16 | XVI | 25 + 1 = 26 | XXVI | 35 + 1 = 36 | XXXVI | 45 + 1 = 46 | XXXXVI |
5 + 2 = 7 | VII | 15 + 2 = 17 | XVII | 25 + 2 = 27 | XXVII | 35 + 2 = 37 | XXXVII | 45 + 2 = 47 | XXXXVII |
5 + 3 = 8 | VIII | 15 + 3 = 18 | XVIII | 25 + 3 = 28 | XXVIII | 35 + 3 = 38 | XXXVIII | 45 + 3 = 48 | XXXXVIII |
10 + 9 = 9 | IX | 10 + 9 = 19 | XIX | 20 + 9 = 29 | XXIX | 30 + 9 = 39 | XXXIX | 40 + 9 = 49 | XXXXIX |
10 | X | 10 + 10 = 20 | XX | 20 + 10 = 30 | XXX | 30 + 10 = 40 | XXXX | 50 = 50 | L |