न्याय क्या है? राल्स का न्याय सिद्धांत क्या है?

न्याय क्या है? राल्स का न्याय सिद्धांत क्या है?

राल्स का न्याय सिद्धांत क्या है?

जॉन रॉल्स अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। जॉन रॉल्स एक प्रसिद्ध अमेरिकी सामाज शास्त्री एवं दार्शनिक थे। इन्होंने सन 1971 में 'ए थ्योरी ऑफ जस्टिस' नामक एक पुस्तक लिखी जिसमें इन्होंने लोगों के कल्याण हेतु एक ऐसी न्याय पूर्ण सामाजिक व्यवस्था कि परिकल्पना की है जिससे लोगों को सामाजिक न्याय मिल सके। इनके अनुसार सामाजिक न्याय का मुख्य उद्देश्य लोगों का कल्याण करना होता है। उन्होंने न्याय को सर्वोपरि रखा है तथा न्याय को उत्तम समाज के प्रथम सद्गुण की संज्ञा भी दी है । सामाजिक न्याय का व्यापक प्रयोग बीसवीं शताब्दी से प्रारंभ हुआ था। जब भी सामाजिक न्याय की बात की जाती है तो सर्वप्रथम  रॉल्स का न्याय सिद्धांत नाम लिया जाता है। सामाजिक न्याय की प्राप्ति हेतु रॉल्स का न्याय सिद्धांत आधार का कार्य करता है।

न्याय क्या है?

हम जानते हैं कि समकालीन राजनीतिक चिंतन ओं में भिन्न-भिन्न समाजशास्त्री एवं राजनैतिक शास्त्रियों ने न्याय भिन्न-भिन्न तरीकों से परिभाषित किया है जिनमें से कुछ निम्न प्रकार है।
न्याय का अर्थ है "सर्वोदय, अर्थात 'सब की उन्नति' से है।"

डी.डी राफेल के शब्दों में , " न्याय उस व्यवस्था का नाम है जिसके द्वारा व्यक्तिगत अधिकार की भी रक्षा होती है और समाज की मर्यादा भी बनी रहती है।"

"न्याय वह व्यवस्था है जिसके अनुसार समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उसका उचित हक व स्थान मिले
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बैन तथा पीटर्स के अनुसार, “ न्याय का अर्थ यह है कि जब तक भेदभाव किए जाने का कोई उचित कारण ना हो तब तक सभी व्यक्तियों से एक जैसा व्यवहार किया जाए।" 

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