वर्ण और वर्णमाला किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण) | ParnassiansCafe

वर्ण किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

वर्ण किसे कहते हैं?

भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। इसी ध्वनि को वर्ण कहा जाता है।

वर्णमाला किसे कहते हैं?

वर्णों के सुव्यवस्थित क्रमागत समूह को वर्णमाला कहते हैं।

जैसे: हिंदी वर्णमाला,अंग्रेजी वर्णमाला, उर्दू वर्णमाला इत्यादि।

[ नोट: भिन्न-भिन्न वर्णमालाओं में वर्णों की संख्या भी भिन्न भिन्न होती है। ]

उदाहरण: हिंदी वर्णमाला में वर्णों की संख्या उच्चारण के आधार पर 52 होती है। इनमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं।
  • अंग्रेजी वर्णमाला में वर्णों की संख्या 26 होती है।
  • उर्दू वर्णमाला में वर्णों की संख्या 58 कहीं 39 तो कहीं 40 भी बताई गई है।

हिंदी वर्णमाला

हिंदी वर्णमाला को उच्चारण के अनुसार दो भागों में विभक्त किया जाता है।
  1. स्वर
  2. व्यंजन

1. स्वर :

वर्णमाला में उपस्थित ऐसे वर्ण का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जाता है अर्थात उनके उच्चारण हेतु किसी अन्य वर्ण की आवश्यकता नहीं पड़ती है वह पूर्ण रूप से स्वतंत्र होते हैं, स्वर कहलाते हैं।

स्वर तीन प्रकार के होते हैं।
  • हस्व स्वर
  • दीर्घ स्वर
  • प्लुत स्वर

हस्व स्वर : अ, इ, उ, ऋ। (संख्या में - 4) उच्चारण में समय कम लगता है।

दीर्घ स्वर : आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। (संख्या में - 7) उच्चारण में समय हस्व स्वर की तुलना में अधिक लगता है।

प्लुत स्वर : ओऽम - ॐ (ऐसे वर्ण जिनके उच्चारण में हस्व और दीर्घ स्वर से अधिक समय अथवा 2 या दो से अधिक मात्राओं का प्रयोग होता है। प्लुत स्वर कहलाता है।

2. व्यंजन : 

वर्णमाला में उपस्थित ऐसे वर्ण जिनका उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है व्यंजन कहलाते हैं।

व्यंजन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।
  • स्पर्श व्यंजन
  • अंतस्थ व्यंजन
  • ऊष्म व्यंजन

स्पर्श व्यंजन : 

वर्णमाला के ऐसे व्यंजन जिन का उच्चारण करने में मुख के विभिन्न भागों जैसे कंठ तालु मूर्धा दंत एवं ओष्ठ का उपयोग होता है स्पर्श व्यंजन कहलाता है। स्पर्श व्यंजनों की संख्या 25 होती है।
  • क वर्ग ( कंठ्या ) : क ख ग घ ड़

  • च वर्ग ( तालव्य ) : च छ ज झ ‌‌ञ

  • ट वर्ग ( मूर्धन्य ) : ट ठ ड ढ ण

  • त वर्ग (दंत्य ) : त थ द ध न

  • प वर्ग ( ओष्ठीय ) : प फ ब भ म

अंतस्थ व्यंजन :

ऐसे व्यंजन जिन का उच्चारण करते समय वायु में कोई अवरोध उत्पन्न ना हो। अथवा ऐसे व्यंजन जिन का उच्चारण मुख के अंदर ही किया जा सकता है।

' य, र, ल, व ' अन्तस्थ व्यंजन हैं|


ऊष्म व्यंजन :

ऐसे व्यंजन जिन का उच्चारण करते समय वायु ऊष्मा के साथ तेज गति से निकलती है ऊष्मा व्यंजन कहलाते हैं।

' श, ष, स, ह ' अन्तस्थ व्यंजन हैं|


संयुक्त व्यंजन:

ऐसे व्यंजन जोकि दो व्यंजनों के मेल से बनते हैं संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं।
  • श्र = श‌् + र

  • क्ष = क‌् + ष

  • त्र = त् + र

  • ज्ञ = ज् + ञ

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