अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? | ParnassiansCafe

अलंकार किसे कहते हैं? अलंकर कितने प्रकार के होते हैं?

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अलंकार किसे कहते हैं?

अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना है, अलम् + कार । जिसमें 'अलम्' का शाब्दिक अर्थ 'अलंकृत' तथा 'कार' का अर्थ 'करने वाला'। इस प्रकार अलंकार का शाब्दिक अर्थ अलंकृत करने वाला। अलंकार शब्द आभूषण का पर्यायवाची शब्द है।

जिस प्रकार मनुष्य को अलंकृत करने वाला अर्थात आभूषण, मनुष्य की शोभा को बढ़ाते हैं उसी प्रकार काव्य में काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं।

परिभाषा:

काव्य में काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं।

अलंकार का कार्य:

काव्य की शोभा को बढ़ाना।

अलंकार कितने प्रकार के होते हैं?

अलंकार के मुख्य दो प्रकार के होते हैं : शब्दालंकार, अर्थालंकार |किंतु आचार्य भोज ने अलंकार का एक तीसरा भेद भी बताया है जिसे उभय अलंकार कहते हैं। किंतु हम अलंकार के मुख्य दो भेदों के बारे में ही जानेंगे। परीक्षा की दृष्टि से केवल यह दो ही महत्वपूर्ण है।

  1. शब्दालंकार

  2. अर्थालंकार
  1. शब्दालंकार:

    काव्य में प्रयोग किए जाने वाले ऐसे शब्द जिनकी सहायता से काव्य की सुंदरता/शोभा बढ़ती है शब्दालंकार कहलाते हैं। शब्द केवल काव्य की बाह्य सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

    शब्दालंकार मुख्यतः पाँच प्रकार के होते हैं।

    1. अनुप्रास अलंकार
    2. यमक अलंकार
    3. श्लेष अलंकार
    4. वक्रोक्ति अलंकार
    5. पुनरोक्ति अलंकार
  2. अर्थालंकार:

    किसी काव्य में अर्थ के माध्यम से काव्य की शोभा बढ़ाने वाले अलंकार को अर्थालंकार कहते हैं।

    अर्थालंकार मुख्यतः पाँच प्रकार के होते हैं।

    1. उपमा अलंकार
    2. रूपक अलंकार
    3. उत्प्रेक्षा अलंकार
    4. विनोक्ति अलंकार