धातु किसे कहते हैं? परिभाषा उदाहरण सहित
हिंदी व्याकरण में क्रियाओं के मूल रूप को धातु कहते हैं| धातु किसी भी शब्द/ क्रिया के निर्माण के लिए एक मूल तत्व है| अर्थात किसी भी क्रिया-पद के उस अंश को धातु कहा जाता है जो क्रिया के सभी रूपों में पाया जाता है|
उदाहरण :
- 'लिखना' क्रिया में धातु लिख है जिसमे 'ना' प्रत्यय का उपयोग किया गया है|
- 'बोलना' क्रिया में बोल धातु है जिसमे 'ना' प्रत्यय का उपयोग किया गया है|
धातु के प्रकार :
धातु पाँच प्रकार की होती है| (व्युत्पत्ति / शब्द निर्माण की दृष्टि से):
- मूल धातु
- यौगिक धातु
- नाम धातु
- मिश्र धातु
- अनुकरणात्मक धातु
1. मूल धातु:
जो धातु किसी अन्य शब्द पर निर्भर नहीं होती है स्वयं ही एक शब्द का निर्माण करती है 'मूल धातु' कहलाती है|
मूल धातु के उदाहरण :
- पानी यहाँ ले आइए|
- वाहन इस तरफ रोक लीजिये|
2. यौगिक धातु:
जिन धातुओ में किसी प्रत्यय का उपयोग किया जाता है 'यौगिक धातु' कहलाती हैं|
यौगिक धातु के उदाहरण :
- मुझे यह जूस पीना है |
- वाहन इस तरफ रोकना पड़ेगा |
3. नाम धातु:
जिन धातुओ का निर्माण संज्ञा अथवा विशेषण के उपयोग से होता है 'नाम धातु' कहलाती हैं|
नाम धातु के उदाहरण :
- मौसम बहुत गरमा रहा है | (गर्म विशेषण का उपयोग)
4. मिश्र धातु:
जिन धातुओ का निर्माण संज्ञा, विशेषण अथवा क्रिया-विशेषण शब्दों के अंत में 'करना, देना, लेना, जाना, आना' जैसे शब्दों के उपयोग से होता है 'मिश्र धातु' कहलाती हैं|
मिश्र धातु के उदाहरण :
- घर कब जाना है?
- कुछ बच्चों का काम सिर्फ गप मारना है |
5. अनुकरणात्मक धातु:
जिन धातुओ का निर्माण किसी ध्वनि के वर्णन के लिए होता है 'अनुकरणात्मक धातु' कहलाती हैं|
अनुकरणात्मक धातु के उदाहरण :
- वह फोन पर कबसे चिल्लाये जा रहा है |
- पक्षियाँ सुबह में चेह्चहाती हैं |
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