विराम चिन्ह किसे कहते हैं? विराम चिन्ह के प्रकार | ParnassiansCafe

विराम चिन्ह किसे कहते हैं? विराम चिन्ह के प्रकार

viram chinnh kise kehte hai viram chinnh ke prakar

विराम चिन्ह किसे कहते हैं?

जब कोई व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए अपनी वाणी में उतार-चढ़ाव का प्रयोग करता है तो वह विराम कहलाता है तथा इसी उतार-चढ़ाव को लिखित रूप में दर्शाने के लिए कुछ चिन्हों का प्रयोग किया जाता है जिन्हें हम विराम चिन्ह कहते हैं।

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विराम चिन्ह के प्रकार

विराम चिन्ह 12 प्रकार के होते हैं

  1. पूर्णविराम चिन्ह ( । )
  2. अल्पविराम चिन्ह ( , )
  3. अर्धविराम चिन्ह ( ; )
  4. प्रश्नवाचक चिन्ह ( ? )
  5. योजक चिन्ह ( - ) 
  6. विस्मयादिबोधक चिन्ह ( ! )
  7. निर्देशक चिन्ह ( — )
  8. विवरण चिन्ह ( :- )
  9. उद्धरण चिन्ह ( "  " )
  10. कोष्ठक चिन्ह (  ( )  )
  11. लाघव चिन्ह ( ० )
  12. हंसपद चिन्ह ( ^ )


1. पूर्णविराम चिन्ह ( । )

इस चिन्ह का प्रयोग वाक्य के पूर्ण होने अथवा उसकी समाप्ति पर लगाया जाता है।

जैसे-

  • कल हम विद्यालय गए थे।
  • आज हम खेलने जाएंगे।

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2. अल्पविराम चिन्ह ( , )

जब किसी वाक्य में दो या दो से अधिक बातों का प्रयोग होता है तो किसी एक बात या किसी एक शब्द के बाद अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है ताकि हम दोनों बातों को अलग-अलग समझ पाए।

जैसे -

  • जब आप घर गए, आपने वहां क्या देखा?
  • मुझे लिखना, पढ़ना, खेलना बहुत पसंद हैं।


3. अर्धविराम चिन्ह ( ; )

जब किन्हीं दो वाक्यों के बीच में संबंध हो तो उस संबंध को दर्शाने के लिए अर्धविराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

जैसे -

  • मैं कल आपके घर गया ; वहां कोई नहीं था।
  • मोहन ने कहा ; कल से हम प्रतिदिन स्कूल जायेगें।


4. प्रश्नवाचक चिन्ह ( ? )

जब किसी वाक्य में क्या, क्यों, कैसे, कौन इत्यादि शब्द आते हैं अथवा किसी से कोई बात जानने की इच्छा हो तो उस वाक्य के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

जैसे -

  • आपका क्या नाम है?
  • आप कहां रहते हो?

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5. योजक चिन्ह ( - ) 

जब किसी वाक्य में कोई समानार्थी शब्द तथा विपरितार्थक शब्द के युग्मों के बीच और द्वंद समास, तत्पुरुष समास में प्रयोग किया जाता है।

जैसे - धीरे-धीरे , तेज -तेज, राम -राम।


6. विस्मयादिबोधक चिन्ह ( ! )

जब कोई मनुष्य अपनी भावनाओं जैसे खुशी, दुःख, घृणा, आश्चर्य इत्यादि को व्यक्त करने वाले शब्दों का प्रयोग करता है तो उसके बाद विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

जैसे -

  • अरे ! ये तुम हो। (आश्चर्य का भाव)
  • ओह ! बड़ा दुख हुआ ये सुनकर। ( शोक/दुख का भाव)

7. निर्देशक चिन्ह ( — )

यह देखने में योजक चिन्ह की तरह ही है लेकिन इसकी लंबाई थोड़ी ज्यादा होती है।

इसका प्रयोग किसी कथन से पहले तथा उदाहरण की तरफ संकेत करने हेतु किया जाता है।

जैसे:-  —गुरु जी ने कहा —हमेशा सुबह के वक्त उठना चाहिए।

8. विवरण चिन्ह ( :- )

जब किसी बात का उदाहरण अथवा किसी सवाल का जवाब अगली पंक्ति में देना हो तो वहां विवरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

जैसे - वह दो भाई हैं :- राम और श्याम।


9. उद्धरण चिन्ह ( "  " )

जब किसी वाक्य में किसी व्यक्ति के कथन के मूल रूप व्यक्त किया जाता है तो उसे उद्धरण चिन्ह द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

जैसे - "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" - नेता जी सुभाष चन्द्र बोस।

10. कोष्ठक चिन्ह (  ( )  )

किसी वाक्य का आथवा वाक्य में प्रयुक्त किसी कठिन शब्द का अर्थ / भाव व्यक्त करने हेतु कोष्ठक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

जैसे - मोहन ( क्रोध में) ; तुम यहां से चले जाओ।

11. लाघव चिन्ह ( ० )

किसी शब्द को संक्षिप्त करने के लिए इस लाघव चिन्ह का प्रयोग किया है।

जैसे - 

  • डॉक्टर को संक्षिप्त में डॉ० लिखा जाता है।
  • राजकीय इण्टर कॉलेज - रा० इ० का०
  • किसी भी नाम या शब्द को संक्षिप्त करने पर लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

12. हंसपद चिन्ह ( ^ )

जब किसी वाक्य को लिखते समय कोई शब्द छूट जाता है तो उस शब्द को उसी जगह प्रदर्शित करने के लिए यह चिन्ह लगाकर उस शब्द को चिन्ह के ऊपर लिखा जाता है।

               यहां

जैसे - आप ^ कब आए?

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