कौशल किसे कहते हैं?
कौशल का अर्थ :
कौशल का शाब्दिक अर्थ है
कुशलता, दक्षता, निपुणता अथवा कुशल होने की अवस्था । कौशल शब्द के शाब्दिक अर्थ से यह स्पष्ट होता है कि यदि कोई व्यक्ति किसी
कार्य को निपुणता के साथ अथवा अपनी मेहनत और अभ्यास द्वारा उस कार्य में दक्षता
प्राप्त कर लेता है तो वह व्यक्ति उस कार्य में कुशलता की अवस्था को प्राप्त कर
लेता है। और यह कुशलता की अवस्था ही कौशल कहलाता है। अर्थात हम कह सकते हैं कि
जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को बार-बार दोहराकर उस कार्य में दक्षता प्राप्त कर
लेता है तो वह कौशल कहलाता है।
कौशल कोई एक बार में हासिल की गई उपलब्धि नहीं है बल्कि यह सोच -समझकर, निरंतर प्रयास से प्राप्त किया गया वह ज्ञान है जिसका जटिल परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है। भिन्न भिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के तरीके भी होते हैं और जब इन कार्यों को करने के तरीके में निपुणता हासिल हो जाती है तो उस कार्य का कौशल कहलाता है। उपरोक्त तथ्यों से यह बात उजागर होती है कि कौशल विभिन्न विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं उदाहरण के लिए - लेखन कौशल, वाहन को चलाने का कौशल, भाषा कौशल प्रबंधन कौशल इत्यादि।
उदाहरण: कौशल को हम एक अन्य उदाहरण से और भी अच्छे तरीके से समझ सकते हैं। - एक बालक साइकिल चलाना सीख रहा था किंतु वह बार-बार साइकिल पर संतुलन बनाने में असफल हो रहा था। वह बारंबार साइकिल को चलाने का प्रयास करता रहा और फिर कुछ देर बाद वह साइकिल को अच्छे तरीके से चलाने लगा कुछ दिनों बाद वह लगातार साइकिल चलाते-चलाते अपने हाथ छोड़कर भी साइकिल को चलाने लगा तथा अब उस बच्चे ने साइकिल चलाने में दक्षता प्राप्त कर ली और यह केवल निरंतर प्रयास के द्वारा ही संभव हो पाया अर्थात हम कह सकते हैं कि किसी कार्य में निरंतर अभ्यास एवं प्रशिक्षण द्वारा निपुणता हासिल करना ही कौशल है।