ओजोन और ओजोन परत क्या है?
हम सभी जानते हैं कि ओजोन का रासायनिक सूत्र O3 होता है। किन्तु सवाल तो यह है कि ओजोन क्या है? दरअसल ओज़ोन एक विषैली गैस है। जोकि पृथ्वी के बाहरी वातावरण में बनती है। अब प्रश्न यह उठता है कि यह गैस बनती कैसे हैं? हम जानते हैं कि ऑक्सीजन का रासायनिक सूत्र O2 होता है और हम यह भी जानते हैं कि सूर्य से पराबैंगनी प्रकाश (ultra violet rays) अथवा पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर आती हैं तो इन पराबैंगनी किरणों में से उच्च ऊर्जा वाली पराबैंगनी किरणें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही ऑक्सीजन को उसके अवयवों में विभाजित कर देती है और ऑक्सीजन के अणु (O2), ऑक्सीजन के इस विभाजित अणु (O) से संयुक्त होकर O3 का निर्माण करते हैं जिसे हम ओजोन कहते हैं। और यह ओजोन गैस एक परत के रूप में बन जाती है इसे ही हम ओजोन परत कहते हैं।
ओजोन एक विषैली गैस है किंतु यह वायुमंडल से काफी ऊपर उपस्थित होती है इसलिए हमें इससे खतरा नहीं है। किंतु यदि किसी कारण से यह गैस, प्राणियों के संपर्क में आ जाए तो इसके कारण प्राणियों की मृत्यु भी हो सकती है। ओजोन परत पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राणियों के लिए एक जीवनदायिनी अथवा जीवन रक्षक परत भी है क्योंकि यह परत सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी प्रकाश को परावर्तित कर देती है जिस कारण पराबैंगनी प्रकाश से पृथ्वी की रक्षा हो जाती है।
जिस प्रकार पृथ्वी पर तेजी से विकास बढ़ रहा है। देखने में आया है कि ओजोन की मात्रा में कमी हो रही है जिस कारण ओजोन परत कमजोर पड़ रही है अर्थात यह धीरे-धीरे पतली हो रही है जिससे कि पृथ्वी की सुरक्षा पर संदेह बना हुआ है।
पृथ्वी पर क्लोरोफ्लोरोकार्बन उत्सर्जित करने वाले उत्पाद ओजोन को कम कर रहे हैं इसलिए 1987 में संयुक्त राष्ट पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने यह निर्णय लिया कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) उत्सर्जित करने वाले उत्पादों जैसे - रेफ्रीजरेटर, एयर कंडीशनर इत्यादि को सीमित किया जाएगा और यह अनिवार्य कर दिया गया कि आगे जो भी कंपनी रेफ्रिजरेटर का निर्माण करेंगी वह क्लोरोफ्लोरोकार्बन रहित होना आवश्यक है।
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ओजोन एक विषैली गैस है किंतु यह वायुमंडल से काफी ऊपर उपस्थित होती है इसलिए हमें इससे खतरा नहीं है। किंतु यदि किसी कारण से यह गैस, प्राणियों के संपर्क में आ जाए तो इसके कारण प्राणियों की मृत्यु भी हो सकती है। ओजोन परत पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राणियों के लिए एक जीवनदायिनी अथवा जीवन रक्षक परत भी है क्योंकि यह परत सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी प्रकाश को परावर्तित कर देती है जिस कारण पराबैंगनी प्रकाश से पृथ्वी की रक्षा हो जाती है।
जिस प्रकार पृथ्वी पर तेजी से विकास बढ़ रहा है। देखने में आया है कि ओजोन की मात्रा में कमी हो रही है जिस कारण ओजोन परत कमजोर पड़ रही है अर्थात यह धीरे-धीरे पतली हो रही है जिससे कि पृथ्वी की सुरक्षा पर संदेह बना हुआ है।
पृथ्वी पर क्लोरोफ्लोरोकार्बन उत्सर्जित करने वाले उत्पाद ओजोन को कम कर रहे हैं इसलिए 1987 में संयुक्त राष्ट पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने यह निर्णय लिया कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) उत्सर्जित करने वाले उत्पादों जैसे - रेफ्रीजरेटर, एयर कंडीशनर इत्यादि को सीमित किया जाएगा और यह अनिवार्य कर दिया गया कि आगे जो भी कंपनी रेफ्रिजरेटर का निर्माण करेंगी वह क्लोरोफ्लोरोकार्बन रहित होना आवश्यक है।
FAQ [ Frequently Asked Questions ]:
- ओजोन क्या है?
ओज़ोन एक विषैली गैस है। जिसका रासायनिक सूत्र O3 होता है।जोकि पृथ्वी के ऊपरी वातावरण में बनती है। - ओजोन परत क्या है और कैसे बनती है?
हम जानते हैं कि ऑक्सीजन का रासायनिक सूत्र O2 होता है और हम यह भी जानते हैं कि सूर्य से पराबैंगनी प्रकाश (ultra violet rays) अथवा पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर आती हैं तो इन पराबैंगनी किरणों में से उच्च ऊर्जा वाली पराबैंगनी किरणें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही ऑक्सीजन को उसके अवयवों में विभाजित कर देती है और ऑक्सीजन के अणु (O2), ऑक्सीजन के इस विभाजित अणु (O) से संयुक्त होकर O3 का निर्माण करते हैं जिसे हम ओजोन कहते हैं। और यह ओजोन गैस एक परत के रूप में बन जाती है इसे ही हम ओजोन परत कहते हैं। - ओजोन परत का आवश्यकता/महत्व क्या है?
सूर्य से आने वाले पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राणियों की रक्षा करना। - ओजोन परत किस प्रकार पृथ्वी की रक्षा करती है?
सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें सर्वप्रथम ओजोन लेयर से टकराती हैं और ओजोन लेयर उन पराबैंगनी किरणों को परावर्तित कर देता है जिससे कि ये हानिकारक किरणे बहुत क्षीण मात्रा में ही पृथ्वी तक पहुंचती है। जो कि हानिकारक नहीं रहती हैं। इस प्रकार ओज़ोन परत पृथ्वी की रक्षा करती है।