Kya kiya jaaye | क्या किया जाए | Sad Shayari
Kya kiya jaaye Shayari:
रातों को चाँद नज़र ना आये तो क्या किया जाए।
तन्हाई में तन्हा न रहा जाये तो क्या किया जाए।।
चलने का नाम जिंदगी होता होगा बेशक़।
मग़र ज़िन्दगी रुक जाये तो क्या किया जाए ।।
मंजिल को पाने के लिए दिन-रात दौड़ता हूँ।
फ़िर दौड़ में गिर जाएँ तो क्या किया जाए।।
वो रहती है मुझसे दूर बहुत दूर रहती है।
उसकी यादों को क़रीब न किया जाए तो क्या किया जाए।।
उसकी यादें हर वक़्त हर पल सताती हैं 'ललित'
अब यादों के सहारे न जिया जाए तो क्या किया जाए।।
Raaton ko chaand najar na aaye to kya kiya jaaye
Tanhae me tanha na raha jaye to kya kiya jaaye
Chalne ka naam zindagi hoto hoga beshaq
Magar zindagi rook jaaye to kya kiya jaaye
Manzil ko paane ke liye din raat daudta hu
Fir doud me gir jaaye to kya kiya jaaye
Wo rehti hai mujhse door bahut door rehti hai
Uski yaadon ko kareeb na kiya jaaye to kya kiya jaate
Uski yaadein har waqt har pal satati hai lalit
Ab yaadon ke sahare na jiya jaate to kya kiya jaaye