पत्र का अर्थ क्या है एवं पत्र किसे कहते हैं? | ParnassiansCafe

पत्र का अर्थ क्या है एवं पत्र किसे कहते हैं?

पत्र का अर्थ क्या होता है?:

पत्र का शाब्दिक अर्थ होता है पत्ता
, पत्र शब्द का उद्गम संस्कृत भाषा से हुआ है जिसका अर्थ पत्ता होता है। पुराने समय में अपने संदेशों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए पत्तों पर मोर पंख और श्याही द्वारा लिख कर अपने संदेशों को प्रेषित किया जाता था। यह संदेश कोई सूचना अथवा समाचार होता था।


पत्र किसे कहते हैं?

वर्तमान समय में भी पत्र का अर्थ सूचना समाचार या कोई संदेश भेजने से ही होता है जो कि किसी कागज पर लिखकर प्रेषित किया जाता है।

पत्र कितने प्रकार के होते हैं?

पत्र दो प्रकार के होते हैं।
  1. औपचारिक पत्र
  2. अनौपचारिक पत्र
औपचारिक तथा अनौपचारिक पत्र को लिखने का तरीका भिन्न-भिन्न होता है किंतु औपचारिक पत्रों लिखने का एक विशेष प्रारूप होता है जबकि अनौपचारिक पत्र को लिखने का कोई विशेष पर प्रारूप नहीं होता है क्योंकि यह किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत तौर पर लिखे जाते हैं जिसमें उसकी भावनाएं अथवा व्यक्तिगत सूचनाएं यह समाचार शामिल होते हैं।

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औपचारिक पत्र (formal letter) किसे कहते हैं?

औपचारिक पत्रों के अंतर्गत वे पत्र आते हैं जो किसी कार्यालय / प्रशासनिक या व्यावसायिक संस्थानों अथवा उन में कार्यरत व्यक्तियों द्वारा या व्यक्तियों को लिखे जाते हैं। यह पत्र प्रशासनिक एवं व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु लिखे जाते हैं इसलिए इन पत्रों को लिखने का एक विशेष प्रारूप होता है उनके अंतर्गत भिन्न-भिन्न प्रकार के पत्र आते हैं जो कि निम्नलिखित हैं। : 
  • प्रार्थना पत्र

  • आवेदन पत्र

  • शिकायती पत्र

  • स्मरण पत्र

  • कार्यालयी पत्र

  • ज्ञापन पत्र

  • विज्ञप्ति

  • अर्द्ध-शासकीय पत्र

  • अधिसूचना

  • परिपत्र

  • विदा

अनौपचारिक पत्र (informal letter) किसे कहते हैं?

वे पत्र जो किसी व्यक्ति द्वारा किसी मित्र, रिश्तेदारों, या निजी संबंध वाले व्यक्तियों को व्यक्तिगत रुप से लिखे जाते हैं अनौपचारिक पत्र कहलाते हैं। इन पत्रों को इस प्रकार लिखा जाता है कि पत्र लिखने वाला व्यक्ति पत्र पढ़ने वाले व्यक्ति से भावनात्मक रूप से जुड़ सकें।
  • निमंत्रण पत्र

  • बधाई पत्र

  • शुभकामना पत्र

  • परामर्श पत्र

  • धन्यवाद पत्र

औपचारिक पत्र लिखने का प्रारूप

1 प्रार्थना पत्र लिखने का प्रारूप

किसी विद्यार्थी द्वारा अपने प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र लिखने का प्रारूप।

सेवा में,                                                                                         दिनांक : ........…......
        प्रधानाचार्य
        (विद्यालय का नाम)
        स्थान, जिला
        प्रदेश का नाम
विषय: अवकाश लेने के संदर्भ में।

महोदय,

सविनय/विनम्र निवेदन है, कि आज हमारे घर में एक विशिष्ट धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें मेरी उपस्थिति भी आवश्यक है। जिस कारण आज मैं विद्यालय आने में असमर्थ हूं।

अतः आपसे आग्रह है कि मुझे आज दिनांक ........ का अवकाश प्रदान करने की कृपा कीजिएगा।


आपका आज्ञाकारी शिष्य

अपना नाम : ..........................
कक्षा का नाम सेक्शन सहित: .....
कक्षा का रोल नंबर: .................
स्थानीय पता-: ........................

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