घरेलु हिंसा क्या है? घरेलु हिंसा अधिनियम 2005 | ParnassiansCafe

घरेलु हिंसा क्या है? घरेलु हिंसा अधिनियम 2005 Domestic Violence &Domestic Violence Act 2005

आज हम आपको एक ऐसे विषय से रूबरू कराएंगे जो परीक्षा की दृष्टि से ही नहीं बल्कि आपके लिए भी उतना ही उपयोगी है जितना की परीक्षा और वह विषय है घरेलू हिंसा अधिनियम 2005। अधिनियम को जाने से पहले हैं आपके मन में कुछ सवाल जरूर आ रहे होंगे जैसे कि घरेलू हिंसा क्या है? घरेलू हिंसा का दायरा क्या होता है? घरेलू हिंसा किसके द्वारा की जा सकती है? घरेलू हिंसा की शिकायत किससे की जाती है?




घरेलू हिंसा किसे कहते हैं?

घरेलू हिंसा घर की चारदीवारी के भीतर किसी महिला (मां, बेटी, पत्नी, बहिन) पर किए जाने वाली हिंसा को घरेलू हिंसा कहा जाता है। इस हिंसा के अंतर्गत किसी महिला (मां, बेटी, पत्नी, बहिन) शारीरिक शोषण, मानसिक शोषण, भावनात्मक शोषण, यौन शोषण अथवा मौखिक रूप से किए जाने वाला शोषण या शोषण की नीयत रखना आता है। यह शोषण किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो महिला से पारिवारिक रूप से संबंधित हो।

हमारी प्रार्थनाओ का संग्रह (एक बार अवश्य पढ़ें):

इस अधिनियम के अनुसार यहां पर पीड़ित व्यक्ति कौन होता है?

ऐसी कोई भी महिला जो किसी पुरुष व्यक्ति से रक्त संबंधित/विवाह संबंधित अथवा गोद संबंधित रिश्तेदारी से उसका शोषण किया जा रहा हो।

घरेलू हिंसा अधिनियम कब पारित और कब लागू हुआ?

घरेलू हिंसा अधिनियम 13 सितंबर 2005 को पारित हुआ तथा 26 अक्टूबर 2006 को कश्मीर राज्य को छोड़कर संपूर्ण भारत में लागू किया गया। किंतु वर्तमान समय में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद यह अधिनियम जम्मू कश्मीर सहित संपूर्ण भारत में लागू होगा।

घरेलू हिंसा अधिनियम को बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?

यह अधिनियम महिलाओं को प्राप्त संवैधानिक अधिकार को संरक्षित करने के लिए बनाया गया

जिसमें की महिलाओं की दैहिक स्वतंत्रता ( संविधान के भाग 3 के अनुच्छेद 21 ) और वर्ष 1993 के अंतरराष्ट्रीय समझौते है जिसके तहत महिलाओं की गरिमा को मानवाधिकार के रूप में शामिल किया गया और महिलाओं को गरिमामय जीवन जीने के अधिकार दिलाने हेतु अधिनियम को पारित किया गया।

महिलाओं के अधिकारों एवं महिलाओं की गरिमा/सम्मान की रक्षा करने के लिए।

इस अधिनियम में कितनी धाराएं शामिल हैं ?

घरेलु हिंसा अधिनियम में धारा 1, 3, 4, 8, 9, 11, 12, 16, 17, 18, 19, 20, 22, 23, 25, 27, 29, 31, 32 एवं 37 कुल 20 धाराएँ हैं।

घरेलू हिंसा की शिकायत कहां दर्ज कराई जाए?

घरेलू हिंसा की शिकायत सर्वप्रथम आपने नजदीकी थाने में जाकर करनी चाहिए जिसके लिए आपको थाना प्रभारी के नाम पर एक पत्र लिखना होगा जिसमें की आप पर होने वाले शोषण का जिक्र हो और यह बात ध्यान में रखनी होगी कि जब आप वह पत्र थाने में दे कराने तो उस पत्र की रिसीविंग जरूर ले लें। ज्यादा बेहतर रहेगा कि आप अपने पत्र की छाया प्रति अपने साथ ले जाएं। उस पत्र की मूल प्रति थाने में जमा करें और छाया प्रति पर रिसीविंग लेकर अपने साथ ले आएं। यदि पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तब तब आप राज्य महिला आयोग अथवा राष्ट्रीय महिला आयोग में इसी प्रकार का पत्र लिखकर भेजें और उनके द्वारा कार्यवाही में नजदीकी महिला पुलिस थाने को सूचित किया जाता है तत्पश्चात आपकी समस्या का समाधान नजदीकी महिला पुलिस थाना करता है।

क्या आप पत्र लिखना जानते है? यहाँ जाने...

महिला हेल्पलाइन नंबर  : 1091

घरेलू शोषण महिला हेल्पलाइन नंबर 181

पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112

राष्ट्रीय महिला आयोग घरेलू हिंसा हेल्पलाइन नंबर 78271 70170

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